PULWAMA ATTACK: चप्पे-चप्पे पर कड़ा पहरा, CCTV से रखी जाती है बुलेटप्रूफ वाहनों पर नजर; CRPF ने उठाए ये कदम
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में
सीआरपीएफ के काफिले पर
हुए आतंकी हमले की एक
दिन पहले चौथी बरसी
थी। पलवामा हमले के चार
साल के बाद CRPF किसी
और घटना को रोकने
के लिए एक अधिक
सुरक्षित संचालन प्रक्रिया का पालन कर
रहा है।
नागरिक वाहनों की आवाजाही पर लगाया प्रतिबंध
दरअसल, पुलवामा हमले के बाद से ही CRPF ने जवानों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। जब भी जम्मू और श्रीनगर राजमार्ग के बीच से कोई काफिला गुजरता है तो इस दौरान नागरिक वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा सुरक्षा के मद्देनजर राजमार्ग को 12 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
काफिले के गुजरने से पहले बम निरोधक दस्ता करता है चेकिंग
अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बल बुलेटप्रूफ वाहनों का भी उपयोग करते हैं और काफिले के गुजरने से पहले सड़क किनारे के पुलों को बम निरोधक दस्ते चेक भी किया जाता है। इंस्पेक्टर जनरल कश्मीर ऑप्स एमएस भाटिया ने मंगलवार को कहा कि 2019 के पुलवामा हमले में शामिल पूरे मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर दिया गया है। उन्होंने कहा राष्ट्र हमेशा उन सैनिकों का ऋणी रहेगा, जिन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से होता है पालन'
इंस्पेक्टर जनरल कश्मीर ऑप्स एमएस भाटिया ने आगे कहा कि हम सुरक्षा प्रोटोकॉल उपायों का सख्ती से पालन करते हैं। हम किसी भी चूक के लिए कोई गुंजाइश नहीं छोड़ते। काफिले के मार्ग पर हर बिंदु पर पैनी नजर रखी जाती है। उन्होंने कहा अगर हम संदिग्ध गतिविधि देखते हैं तो जमीन पर मौजूद हमारी टीमें इसे जड़ से खत्म करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तैयार हैं।
पुलवामा हमले के बाद लिए गए कई अहम फैसले
सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा घटना के कुछ सप्ताह बाद भविष्य में इस तरह के हमले को रोकने के लिए सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और अन्य एजेंसियों की एक संयुक्त बैठक हुई थी। इसमें विशेष रूप से काफिले की आवाजाही के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया लागू की गई थी। वहीं, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जब एक काफिला गुजर रहा होता है तो राजमार्ग पर दूसरे वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं होती है। साथ ही जवानों को बुलेटप्रूफ वाहनों में ले जाया जाता है।
काफिले में मौजूद होती है क्विक रिएक्शन टीम
इसके अलावा एक काफिले में हर 4-5 गाड़ियों के बाद दो टीमें होती हैं, जिनमें एक क्विक रिएक्शन टीम और एक काउंटर टेररिज्म टीम शामिल होती है। जो आतंकी हमला होने पर तुरंत एक्शन में आ सकती हैं और 70 संवेदनशील स्थानों पर सशस्त्र कर्मियों द्वारा चौबीसों घंटे चेक पोस्ट भी हैं। अधिकारी के अनुसार, सड़क पर मौजूद सीआरपीएफ के जवान नागरिक वाहनों को रोकते हैं और काफिले के गुजरने तक वहां पहरा देते हैं
Nyc
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